टीन डिप्रेशन क्या होता है और इसके लक्षण क्या है ?
क्या आप जानते हैं कि किशोरावस्था में उत्पन्न होने वाला अवसाद केवल भावनात्मक उथल-पुथल नहीं होता, बल्कि यह एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या है? टीन डिप्रेशन उन युवाओं को प्रभावित करती है जो अपने विकास के एक नाजुक चरण में होते हैं। इस समय उन्हें अपनी पहचान बनाने, नए संबंध विकसित करने और अकादमिक दबावों का सामना करने की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ‘टीन डिप्रेशन’ समझना न केवल इसकी पहचान के लिए जरूरी है बल्कि यह समझने के लिए भी आवश्यक है कि कैसे इसके विभिन्न लक्षण और कारण किशोरों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें हम जानेंगे कि ‘टीन डिप्रेशन’ क्या है और इसके क्या लक्षण हैं।
टीन डिप्रेशन क्या है?
टीन डिप्रेशन या किशोरावस्था का अवसाद उस स्थिति को कहते हैं जब एक किशोर गहरी उदासी और निराशा के भावों से ग्रसित होता है, जो उसके दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। यह स्थिति सामान्य बदलावों से कहीं अधिक गंभीर होती है जो किशोरावस्था में होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 10% से 15% किशोर किसी न किसी रूप में इसका सामना करते हैं।
टीन डिप्रेशन के लक्षण
टीन डिप्रेशन के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं जैसे , उर्जा की कमी ,रूचि में कमी , भूख में परिवर्तन , नींद में बदलाव , चिडचिडापन व मनोबल की कमी |
1.ऊर्जा की कमी:
किशोर अवस्था में डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति में ऊर्जा की भारी कमी देखी जा सकती है। यह सिर्फ शारीरिक थकान नहीं होती, बल्कि मानसिक थकान भी होती है जो उन्हें किसी भी कार्य में सक्रिय भाग लेने से रोकती है। वे स्कूल की गतिविधियों, सामाजिक मेलजोल या यहाँ तक कि शौक में भी रुचि खो देते हैं। इसका मूल कारण न्यूरोट्रांसमीटर्स में असंतुलन हो सकता है, जो मस्तिष्क के उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो ऊर्जा के स्तर और मूड को नियंत्रित करते हैं।
2. रुचि में कमी:
जिन गतिविधियों में पहले किशोर खुशी महसूस करते थे, उनमें अब उनकी दिलचस्पी कम हो जाती है। यह लक्षण विशेष रूप से चिंता का कारण बन सकते है क्योंकि यह उनकी सामाजिक और व्यक्तिगत विकास की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। रुचि में यह कमी उनके स्वयं के मूल्यांकन और आत्म-सम्मान पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे वे अधिक अलग-थलग महसूस कर सकते हैं।
3. भूख में परिवर्तन:
अवसादग्रस्त किशोरों में भूख में बदलाव आम होता है। कुछ में भूख न लगने की समस्या होती है, जबकि कुछ को भूख अधिक लगती है। ये भूख में बदलाव न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं बल्कि उनकी भावनात्मक स्थिरता और सामाजिक व्यवहार पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।
4. नींद में बदलाव:
नींद के पैटर्न में बदलाव भी टीन डिप्रेशन का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। कुछ किशोर अत्यधिक सोते हैं, जबकि कुछ अनिद्रा का शिकार होते हैं। नींद न आना या अधिक सोना दोनों ही उनकी अकादमिक प्रदर्शन और सामान्य कल्याण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
5. चिड़चिड़ापन और आवेश:
टीन डिप्रेशन से पीड़ित किशोरों में चिड़चिड़ापन और गुस्से की भावना आम होती है। यह आवेशपूर्ण व्यवहार उनके व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों को तनावपूर्ण बना सकता है। अक्सर, ये भावनाएँ उन्हें उकसाती हैं कि वे अपने परिवार और दोस्तों से दूरी बना लें, जिससे उनकी अवसाद की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
6. मनोबल में कमी:
यह विशेष रूप से गंभीर लक्षण है, जहां किशोर खुद को लगातार नीचा महसूस करते हैं और टीन डिप्रेशन जैसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं। यह आत्महत्या के विचारों की ओर ले जा सकता है, जो कि टीन डिप्रेशन का एक चरम और चिंताजनक परिणाम है। इस स्थिति में, तुरंत पेशेवर सहायता लेना आवश्यक होता है।
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