डायबिटीज के लक्षण और बचाव के उपाय क्या है
डायबिटीज तब होती है जब आपका शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता , या फिर बने इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके पैंक्रियास द्वारा बनाया जाता है और यह शरीर में ग्लूकोज (शुगर) को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। जब इंसुलिन का सही उपयोग नहीं हो पाता, तब खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं। यह स्थिति दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि हृदय रोग, नेत्र रोग, गुर्दे की बीमारी, और न्यूरोपैथी (नसों की क्षति)। आएये जानते है डायबिटीज के लक्षण क्या क्या है और इसका सही से कैसे उपचार किया जा सकता है |
डायबिटीज के लक्षण
1.बार-बार पेशाब आना
डायबिटीज के लक्षण में से एक बार-बार पेशाब आना है। जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, तो किडनी इसे छानने की कोशिश करती है। इस प्रक्रिया के दौरान, अतिरिक्त शुगर मूत्र से निकलने लगती है, जिससे पेशाब की मात्रा और आवृत्ति दोनों बढ़ जाती हैं। खासतौर पर रात के समय यह समस्या अधिक बढ़ जाती है, जिसे नॉक्टुरिया कहते हैं। बार-बार पेशाब आना न केवल असुविधाजनक होता है, बल्कि यह शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) का भी कारण बन सकता है। इस लक्षण को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह डायबिटीज की ओर इशारा करने का प्रथम लक्षण है |
2.अधिक प्यास लगना
डायबिटीज के कारण बार-बार पेशाब आने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। जिससे हमे अधिक प्यास महसूस होने लगती है। इस स्थिति को पॉलिडिप्सिया कहा जाता है। जब शरीर में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है, तो यह किडनी को अधिक पानी छानने पर मजबूर करता है। इस प्रक्रिया में शरीर का पानी कम होने लगता है, और प्यास बढ़ जाती है। यदि आप बार-बार पानी पीने की आवश्यकता महसूस करते हैं और फिर भी प्यास नहीं बुझती, तो यह डायबिटीज का एक प्रमुख कारन हो सकता है। अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आने के साथ मिलकर, डायबिटीज के गंभीर संकेत हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
3.वजन में अचानक कमी आना
डायबिटीज के कारण अचानक वजन का कम होना डायबिटीज का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। जब शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं होता या सही से काम नहीं करता, तो ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता। इस स्थिति में शरीर ऊर्जा के लिए फैट स्टोर्स का उपयोग करने लगता है। परिणामस्वरूप, शरीर का वजन तेजी से घट सकता है। वजन में अचानक कमी आना आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज से जुड़ा होता है, लेकिन यह टाइप 2 डायबिटीज में भी हो सकता है। यदि आप बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटने का अनुभव कर रहे हैं |
4. ज्यादा भूख लगना
डायबिटीज में इंसुलिन की कमी या अप्रभावीता के कारण शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित नहीं कर पातीं। इस स्थिति में शरीर ऊर्जा के लिए लगातार संकेत भेजता है, जिससे भूख बढ़ जाती है। इसे पॉलिफेजिया कहते हैं। इस बढ़ी हुई भूख के बावजूद, शरीर की ऊर्जा की आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि खून में शुगर का स्तर बढ़ा रहता है और कोशिकाओं में ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता। यदि आपको सामान्य से अधिक भूख लग रही है और साथ ही अन्य डायबिटीज के लक्षण भी हैं, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए सही समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।
डायबिटीज के कारण
1.आनुवंशिक कारक
परिवार में डायबिटीज का इतिहास होना जोखिम को बढ़ाता है। यह आनुवंशिक रूप से निर्धारित होता है कि किसी को डायबिटीज होगा या नहीं। यदि आपके माता-पिता या भाई-बहन को डायबिटीज है, तो आपके डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है। जेनेटिक अध्ययनों से पता चलता है कि विभिन्न जीन और उनके वेरिएंट्स, जो इंसुलिन के उत्पादन, वितरण और उपयोग में भाग लेते हैं, डायबिटीज के विकास में योगदान दे सकते हैं। इसलिए, यदि आपका पारिवारिक इतिहास इस बीमारी का संकेत देता है, तो नियमित जांच और पूर्व सावधानियां अत्यंत आवश्यक हैं।
2. जीवनशैली के चुनाव
आपकी जीवनशैली आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और डायबिटीज में यह और भी स्पष्ट होता है। असंतुलित आहार जिसमें उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जैसे कि शक्कर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, ब्लड शुगर लेवल्स को अस्थिर कर सकते हैं। निष्क्रिय जीवनशैली, जिसमें शारीरिक गतिविधि की कमी होती है, मोटापे का कारण बन सकती है, जो डायबिटीज का एक प्रमुख जोखिम कारक है।
डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं
- टाइप 1 डायबिटीज: यह आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में शुरू होता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पैंक्रियास के उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो इंसुलिन बनाते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन लगभग बंद हो जाता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों को जीवन भर इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।
- टाइप 2 डायबिटीज: यह अधिक सामान्य प्रकार है और आमतौर पर वयस्कों में होता है, हालांकि यह बच्चों में भी बढ़ रहा है। इसमें शरीर इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं कर पाता है,
डायबिटीज का उपचार
- आहार और व्यायाम: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम का पालन करना डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार का सेवन, सब्जियों, फलों, अनाजों, और प्रोटीन का सेवन शामिल होता है।
- दवाइयाँ: डायबिटीज के उपचार में दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है, जो इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं या इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाती हैं।
- इंसुलिन थैरेपी: डायबिटीज के लिए, इंसुलिन इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है ताकि शरीर में इंसुलिन की कमी को पूरा किया जा सके।
- स्वच्छता और देखभाल: अपने रक्त शर्करा स्तर को नियमित रूप से जांचना, नियमित दवाइयों का सेवन करना, व्यायाम करना, और स्वस्थ आहार लेना डायबिटीज के प्रबंधन में महत्वपूर्ण है।
- डायबिटीज शिक्षा: डायबिटीज के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से नियमित जांच कराना भी महत्वपूर्ण है।
- स्थिर रहना: तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, और अन्य ध्यान तकनीकों का अभ्यास करें।
If you have any queries related to medical health, consult Subhash Goyal or his team members on this given no +91 88008 25789, +91 99150 99575, +918283060000