रीढ़ की हड्डी में दर्द को दूर करने के घरेलू नुस्खे
रीढ़ की हड्डी में दर्द होना एक आम समस्या है, लेकिन रीढ़ की हड्डी में दर्द को दूर करने के घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं। आइए जानें कुछ सरल और प्रभावी नुस्खे जो आपके दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
1. गर्म पानी से सिंकाई
गर्म पानी की सिंकाई से मांसपेशियों की जकड़न कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। एक तौलिये को गर्म पानी में भिगोकर दर्द वाले स्थान पर रखें और कुछ समय तक रखें। गर्म पानी की सिंकाई मांसपेशियों को आराम देती है और रक्त संचार को बढ़ाती है। यह रीढ़ की हड्डी के दर्द को कम करने का एक आसान और प्रभावी तरीका है। इसके लिए आप एक गरम पानी की बोतल का भी उपयोग कर सकते हैं। गर्म पानी की सिंकाई दिन में दो से तीन बार करें, खासकर उस समय जब दर्द ज्यादा हो। यह प्रक्रिया मांसपेशियों की कठोरता को भी कम करती है और आपको आराम महसूस कराती है।
2. अदरक की चाय
अदरक में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं। अदरक की चाय पीने से सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। अदरक एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है जो प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। अदरक की चाय बनाने के लिए, अदरक को कद्दूकस करें और उसे पानी में उबालें। फिर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और चाय को धीरे-धीरे पिएं। अदरक की चाय न केवल दर्द को कम करती है बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है। आप दिन में दो बार अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। इससे न केवल रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होगा बल्कि आपका संपूर्ण स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
3. हल्दी वाला दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी का दूध एक प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खा है जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। हल्दी वाला दूध बनाने के लिए, एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे अच्छे से मिक्स करें। इसे रात को सोने से पहले पिएं ताकि आपको बेहतर नींद आए और शरीर को आराम मिले। यह नुस्खा न केवल रीढ़ की हड्डी के दर्द में राहत देता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
4. नारियल तेल की मालिश
नारियल तेल से मालिश करने से रक्त संचार बढ़ता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है। दर्द वाले हिस्से पर हल्के हाथों से मालिश करें। नारियल तेल में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं और यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। मालिश करने से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है। आप नारियल तेल को थोड़ा सा गर्म कर लें और फिर उससे दर्द वाले हिस्से पर हल्के हाथों से मालिश करें। यह प्रक्रिया दिन में दो बार करें, खासकर सुबह और रात को सोने से पहले। इससे मांसपेशियों की कठोरता कम होगी और आपको आराम महसूस होगा। नारियल तेल के अलावा आप तिल के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।
5. योग और स्ट्रेचिंग
नियमित योग और स्ट्रेचिंग करने से रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होता है। कुछ आसान आसनों में भुजंगासन और मकरासन शामिल हैं। योग और स्ट्रेचिंग न केवल शरीर को लचीला बनाते हैं बल्कि मांसपेशियों को मजबूत भी करते हैं। भुजंगासन और मकरासन जैसे आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाते हैं और दर्द को कम करते हैं। नियमित योग करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है। स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की जकड़न कम होती है और रक्त संचार बेहतर होता है। दिन में कम से कम 15-20 मिनट योग और स्ट्रेचिंग जरूर करें। इससे न केवल रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होगा बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
6. सही तरीके से बैठना
गलत मुद्रा में बैठने से रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है। हमेशा सही तरीके से बैठें और काम करते समय छोटे-छोटे ब्रेक लें। सही मुद्रा में बैठने से रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव पड़ता है और दर्द कम होता है। बैठते समय अपनी पीठ को सीधा रखें और पैरों को जमीन पर सीधा रखें। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में न बैठें। हर 30-40 मिनट में ब्रेक लें और थोड़ा सा चलें। काम करते समय सही ऊंचाई की कुर्सी और टेबल का उपयोग करें। इससे रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव पड़ेगा और दर्द कम होगा। सही मुद्रा अपनाने से न केवल रीढ़ की हड्डी का दर्द कम होगा बल्कि आपकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
7. ठंडी सिंकाई
अगर सूजन हो रही है, तो ठंडी सिंकाई भी फायदेमंद हो सकती है। आइस पैक को एक कपड़े में लपेटकर दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। ठंडी सिंकाई से सूजन और दर्द कम होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। आइस पैक को सीधे त्वचा पर न लगाएं, हमेशा उसे एक कपड़े में लपेटकर ही उपयोग करें। दिन में 2-3 बार ठंडी सिंकाई करें, खासकर उस समय जब दर्द और सूजन ज्यादा हो। यह प्रक्रिया मांसपेशियों की कठोरता को भी कम करती है और आपको आराम महसूस होता है। ठंडी सिंकाई के साथ-साथ आप ठंडे पानी में तौलिया भिगोकर भी उपयोग कर सकते हैं।
If you have any queries related to medical health, consult Subhash Goyal or his team members on this given no +91 88008 25789, +91 99150 99575, +918283060000